दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना 2025 जानकारी

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत फ्री ट्रेनिंग, सर्टिफिकेट और नौकरी पाने का मौका। जानें पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना: ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम

भारत में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या रही है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में। इसके समाधान हेतु भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से दीन

दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana – DDU-GKY) एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

योजना का उद्देश्य

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का उद्देश्य है ग्रामीण युवाओं को गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करना। यह योजना विशेष रूप से 15 से 35 वर्ष आयु वर्ग के ऐसे युवाओं के लिए है जो गरीबी रेखा के नीचे

जीवन यापन कर रहे हैं और जिनके पास रोज़गार के अवसर नहीं हैं। इस योजना का एक बड़ा उद्देश्य यह भी है कि ग्रामीण भारत को शहरी भारत की तरह रोजगार समर्थ बनाए रखना।

योजना की शुरुआत कब और क्यों हुई?

इस योजना की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर की गई थी। यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य भारत के प्रत्येक गरीब ग्रामीण युवक को कोई न कोई ऐसा व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है जिससे वह आर्थिक रूप से सशक्त बन सके और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सके।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना

यह योजना सरकार की “सबका साथ, सबका विकास” की सोच को साकार करती है। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है जैसे कि सिलाई, ब्यूटीशियन कोर्स, इलेक्ट्रिशियन, कंप्यूटर शिक्षा, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग, आदि।

योजना की विशेषताएं

1. नि:शुल्क प्रशिक्षण – इस योजना के तहत चयनित युवाओं को पूर्णतया मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जाता है।

2. नौकरी की गारंटी – योजना में शामिल प्रशिक्षण प्रदाता यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रशिक्षण के बाद कम से कम 70% युवाओं को रोजगार मिले।

3. प्रमाण पत्र प्रदान करना – प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।. राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

4. प्लेसमेंट और ट्रैकिंग – युवाओं को नौकरी देने के बाद उनकी 12 महीनों तक निगरानी भी की जाती है।

5. ड्रेस और स्टाइपेंड की सुविधा – प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को यूनिफॉर्म, किताबें, और कुछ मामलों में स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाता है।

 

लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड

आवेदक की आयु 15 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

परिवार गरीबी रेखा (BPL) के नीचे आता हो या SECC लिस्ट में नाम हो।

ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो।

कोई पूर्व औपचारिक कौशल या नौकरी की आवश्यकता नहीं होती।

महिलाएं, अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांगजन और अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिकता दी जाती है।

प्रशिक्षण के क्षेत्र

इस योजना के अंतर्गत कई प्रकार के कौशल क्षेत्र चुने गए हैं जो बाजार में मांग में हैं। इनमें प्रमुख हैं:

सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर शिक्षा

हेल्थकेयर असिस्टेंट

रिटेल सेल्स

इलेक्ट्रिशियन

टेलरिंग (सिलाई कार्य)

ब्यूटी एंड वेलनेस

होटल मैनेजमेंट

ऑटोमोबाइल सर्विसिंग

कंस्ट्रक्शन वर्क

योजना का संचालन कैसे होता है?

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का संचालन केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत किया जाता है। इस योजना को राज्यों के सहयोग से कार्यान्वित किया जाता है। प्रशिक्षण प्रदाता संस्थानों का चयन एक विशेष प्रक्रिया के तहत होता है, और उन्हें तय मानकों का पालन करना होता है।

पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया

इस योजना में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को ऑफलाइन या ऑनलाइन तरीके से आवेदन करना होता है। आवेदन प्रक्रिया सरल है:

1. नजदीकी DDU-GKY केंद्र में संपर्क करें या राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यालय जाएं।

2. अपनी पहचान और पात्रता दस्तावेज़ साथ ले जाएं – जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और शैक्षिक योग्यता।

3. फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।

4. पात्रता सत्यापन के बाद चयन किया जाएगा और प्रशिक्षण शुरू होगा।

ऑनलाइन जानकारी और आवेदन के लिए वेबसाइट: http://www.ddugky.gov.in

अब तक के उपलब्ध आंकड़े और सफलता

अब तक लाखों युवाओं को इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बहुत से लाभार्थियों ने प्लेसमेंट प्राप्त कर स्थायी रोजगार हासिल किया है,

वहीं कई ने अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू किया है। योजना की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब युवाओं के मन में आत्मविश्वास और अपने भविष्य को लेकर आशा जगी है।

सरकार का सहयोग और मॉनिटरिंग

DDU-GKY के अंतर्गत प्रशिक्षण केंद्रों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सरकार ने एक मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किया है। हर केंद्र का नियमित निरीक्षण होता है, और विद्यार्थियों की प्रगति को ऑनलाइन ट्रैक किया जाता है।

निष्कर्ष

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना वास्तव में ग्रामीण युवाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का कार्य कर रही है। यह योजना केवल रोजगार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर

बनाने और भारत के विकास में योगदान देने की प्रेरणा भी देती है। यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं और कोई कौशल सीखकर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।

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अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे शेयर करें और ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचाएं। योजना की आधिकारिक जानकारी के लिए ddugky.gov.in पर जरूर जाएं।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना क्या है?

उत्तर: यह भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को फ्री स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार योग्य बनाना है।

इस योजना का लाभ कौन ले सकता है?

उत्तर: 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण युवक-युवतियां, जिनका नाम BPL या SECC सूची में है, इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

इस योजना में कौन-कौन से कोर्स होते हैं?

उत्तर: कंप्यूटर, ब्यूटीशियन, टेलरिंग, रिटेल, हेल्थकेयर, इलेक्ट्रिशियन, हॉस्पिटैलिटी जैसे कई रोजगारोन्मुखी कोर्स शामिल हैं।

❓ क्या दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत नौकरी मिलती है?

उत्तर: हां, प्रशिक्षण के बाद कम से कम 70% लाभार्थियों को प्लेसमेंट का अवसर दिया जाता है।

योजना में आवेदन कैसे करें?

उत्तर: इच्छुक उम्मीदवार ddugky.gov.in वेबसाइट पर या नजदीकी प्रशिक्षण केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं।

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