Okकिसी भी सफलता के लिए जिस प्रकार स्वप्न दर्शन लक्ष्य निर्धारण इच्छा शक्ति यूपीएससी का फुल फॉर्म वा लगन की आवश्यकता होती है, इसके साथ साथ परिश्रम वा तकनीकी की आवश्यकता भी होती है ,
परिश्रम और तकनीकी
तकनीकी के साथ अनवरत कठोर परिश्रम ही आपको सफलता के द्वारा ताक पहुंचा सकता है l यूपीएससी का फुल फॉर्म कुछ लोग बड़े बड़े सपने देखते रहते हैं, परन्तु वे उस लक्ष्य के अनुकूल परिश्रम नहीं करते सभी कभार थोड़ा सा मेहनत भी करते हैं,
फिर इधर उधर करके समय बरबाद करने लगते हैं l पुन मन में क्षणिक उत्साह का तरंग उठा तो फिर मेहनत करने लगे कुछ समय बाद पुन अपनी पुरानी आदत में फिसल गए दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या काफ़ी अधिक है ,
और इसलिए असफल लोगों की संख्या भी अधिक है l गरीबी वा फतेहाली में जीवन बिताने वालों की संख्या भी अधिक है, ध्यान रखिए कोइ भी महान कार्य पहले बहुत कठोर परिश्रम की मांग करती है l यदि ऐसा न होता यूपीएससी का फुल फॉर्म क्या होता तो सभी लॉग यूं ही बड़े
पर्दो पर आसीन हो जातें या जाते या अन्य बड़ी सफलताएं अर्जित कर लेते पर इतने पद भी कहां से आते क्यों कि बड़े सपने तो देखते लगभग सब ही है, कि वे कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर इंजीनियर वैज्ञानिक उद्योगपति फिल्मकार अभिनेता
आदि बन जाएं पर वे ऐसा सोचते हुए उम्र गुजार देते हैं और कर कुछ नहीं पाते अंत यदि आपको मंजिल प्यारी है, तो निश्चित रूप से आपको कठोर परिश्रम का जाम पहनना होगा कठोर परिश्रम करना ही होगा किसी महान शायर ने कहा है l https://janavicomputercourse.com/2024/07/%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%8f%e0%a4%b8%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88upsc-best-janakari-2024-top-ten-list-and-pulish/
मिटा दे अपनी हस्ती जो कुछ मर्तबा चाहे कि दाना खाख में मिल कर गुलजार होता है l इस कथन में पूर्ण सच्चाई छिपी हुई है l जिस तरह से किसी फसल के बीच को किसान अपने खेत पर पर बोता है, तो वह अंकुर लाता है, पर बीज स्वयं सड़ गल कर
Loअंकुर को पोषण देते हुए अपनी अस्तित्व को मिटा देता है, यूपीएससी का फुल फॉर्म इन इंग्लिश में परन्तु उसके द्वारा दिया गया अंकुर बढ़ कर एक दिन हंसता खिलता लहलहट्ट पुष्पित पल्लवित फलदार वृक्ष बन जाता है l
थामस एडिशन अल्वा ने दुनिया को बिजली के प्रकार से जगमग दिया उन्होंने बिजली के वाल्व की खोज की थी, जो यूं ही नहीं हो गया था, उसके लिए उन्होंने अपनी सारी जिंदगी खफा दी थी l अपने परिश्रम और यूपीएससी का फुल फॉर्म
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लगन के सामने न दिन को दिन न ही रात को रात कहा नहाना खाना भूल गए अपनी सारी संपत्ति दांव पर लगा दी बिचारे कंगाल हो गए कर्ज लेने की नौबत आ गई हर किसी के सामने हाथ फैलाया किसी ने उनकी बात सुनी तो किसी ने खिल्ली उड़ा कर भाग दिया लोग उन्हों पागल और l
सनकी समझने लगे पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और यह सब परेशानी झेलते हुए भी अपने प्रयोग और अनुसंधान को सतत जारी रखा आप आश्चर्य करेंगे कि अनुसंधान के लिए उन्होंने 2030/बार प्रयोग किए थे l upsc फुल फॉर्म इन हिदी एंड इग्लिश/जब वॉल्व की
ख़ोज नहीं हो पाई थी तभी अपने आपको कुछ समझने वाले एक व्यक्ति ने उनसे पूर्छा था कि 2030/बार प्रयोग करके आप बाल्य तो बना ही नहीं पाए फिर इतने प्रयोगों से आपको क्या मिला सचमुच में पागल नहीं तो क्या है l
आप अल्वा ने ऐसा सुन्दर जवाब दिया कि उस व्यक्ति का मुंह टूट सा गया उन्होंने कहा 2030/प्रयोगों से भले ही मै बल्व की खोज नहीं कर पाया पर मुझे इतनी तो मालूम हो गया कि 2030/प्रकार के इन प्रयोगों के द्वारा मैं तो क्या दुनिया का कोई
भी व्यक्ति बलवा नहीं बना सकता बल्व बनाने के लिए अब मुझे इनसे भिन्न प्रकार के फार्मूले वा टेकिनिक विकासित करने होंगे अंत 2031/वे प्रयोग से अल्वा ने का अविष्कार करके दिखा दिया आप भी अपनी सफलता के लिए ऐसा ही रास्ता चुनिए जरा सा मनोरंजन के लिए निम्नलिखित गीत गुणगनाइय यूपीएससी का फुल फॉर्म बताइए
गीता
प्यारे सपने बुने पर खपाना सीखिए इक बुलंदी पै ही मिलती है, मंजिले l चलते तो है, सभी स्वप्नों की राह पर अंत में विनरलो कसौटी में करता परख कौन भट्टी में तप कर खरा हो गया वह खरे सोने को ही लगता गले तपना जो सीखा है l
पाई है गया मंजिले जो कि खो जाता है खाक की गर्द में कहर मौसम का सीने पै जो झेलता गुलजार का फूल बनाता है वहीं चूम लेती कदम दौड़ कर मंजिले सपना देखो सही खपाना पर सीखिए इक बुलंदी पै ही मिलती है मंजिले l
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चलिए अब हम एक बार पुन एडीशन अल्वी की बात पर आते हैं, आप समझ सकते हैं कि कि दस पांच बार कोई एक ही प्रयोग को दोहराना तो कठीन कार्य है l जिसने 2031/बार अपने बल्व बनाने को सफलता के लिए प्रयोग किया होगा उनकी इच्छा शक्ति आत्मा बल परिश्रम समय और उस पर होने वाले व्यय का अनुमान आप लगा सकते है l
फिर भी उन्होंने अपनी खोज यात्रा के दौरान कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा कभी भी अपने मन में मति भृत्त की स्थिति नहीं पनपने दी उनका लगन उत्साह और तकनीकि पूर्ण अनवरत श्रम निरन्तर जारी रहा इस कर्म तपस्या का एक दिन अदूभूद
परिणाम हुआ और उन्होंने एक ऐसे वस्तु की खोज कर डाली जिसके द्वारा रात के अंधकार में भी समूचे दुनिया में उजाला फैल गया रात को भी दिन में बदल देने की मुहिम चल पड़ी इस तरह उन्होंने मानवता का बहुत बड़ा कल्याण किया इतना ही नहीं
अपनी इस विलक्षण प्रतिभा के द्वारा विद्युत बलवा के अलावा भी उन्होंने अनेक अविष्कार किए ऐसे लोग महामानव की श्रेणी में आते हैं , जब तक मानव सभ्यता रहेगी तब तक ऐसे महामानव अपनी अदभ्रता स्मृतियों के द्वारा धरती पर छोड़े गए अपने अमिट
पदचिन्हों के द्वारा समाज के बीच अमर रहेंगे यदि आप भी अपनी जिंदगी में ऐसा ही कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो आपसे भी ऐसा ही आत्म बल इच्छा शक्ति लगन धैर्य साहस वा समर्व्न होना चाहिए l
अब आगे हम तकनीकी के विषय में समझने का प्रयास करेगें हमें अपने प्रत्येक कार्य की सफलता के लिए उपरोक्त तत्वों के साथ ही तकनीकी की भी अत्यंत आवश्यकता होती है l यदि हम अपनें कार्य में तकनीकी का प्रयोग नहीं करेंगे तो हमारा परिश्रम
जितना चहिए उतनी मात्रा में सार्थक और फली भूत नहीं होगा यदि हम यह कहें कि आज दुनिया विकास के मामले में जितनी आगे बढ़ी है, उनका मूल आधार तकनीकी ही है, तो कोई अतियोकित नहीं होगी आज सरल मशीनों से लेकर आधुनिकतम
मशीनों और अंतरिक्षयान आदि जो भी निर्मित किए गए हैं, उन सभी का आधार तकनीकी ही है, बस इसी तरह से हमारे प्रत्येक कार्य में तकनीकी का महत्वपूर्ण स्थान है l जब हम किसी कार्य को अच्छे ढंग से वा शीघ्रत से करना चाहते हैं,यूपीएससी का फुल फॉर्म
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