जिज्ञासा का अर्थ मशीनें बना सकता है, उदाहरण के लिए खिलौने के हवाई जहाज का रहस्य समझने के बाद कोई व्यक्ति सचमुच का हवाई जहाज हैली कपटर आदि बना
![जिज्ञासा का अर्थ](https://janavicomputercourse.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20241206_170654-1024x576.png)
सकता है, वर्तमान में बने हुए ड्रोन मिसाइलें लड़ाकू विमान भारतीय मंगलयान चंद्र यान आदि आदि इसी इसी तरह के जिज्ञास और अनुकरण के परिणाम है , मैं जब तक अध्यापन,UP
जिज्ञासा का अर्थ
पेशे में रहा उस समय मैंने बहुत गहराई से अनुभव किया कि जिस विद्यार्थी या छात्र में अपने विषय को जानने की जिज्ञासा होती वे विषय को बहुत जल्दी सीखा लेते परन्तु बहुत सारे विद्यार्थी विषय को जानने की
इच्छा रखते न ही उनका उस विषय के प्रति कोई लगाव होता वे छात्र अव्वल दर्ज के मूर्ख छात्र होते साथ ही मैंने कई जड़ किस्म के छात्रों को भी
अध्यापन कराने का प्रयास किया और पाया और कि वे अपने विषय का ज्ञान प्राप्त करने में सफल रहे परन्तु यह सीधे सीधे नही हो सका था l बल्कि मैंने उनका गराराई से किया था कि आखिर वे सीखा,https://www.facebook.com/profile.php?id=100084910624722&mibextid=ZbWKwL
क्यों नहीं पा रहे हैं l अपने मन ही मन के अनुसंधान और अध्ययन में मैं पाता कि उन कठित मूर्ख विधार्थियो में भी उतनी ही बुद्धि है जितनी सफल विद्यार्थियों में है l वे सीख तो,
सिर्फ इसलिए नहीं पा रहे हैं कि उनका विषय के प्रति कोई जिज्ञास और लगाव नहीं रहता था l वे विषय को बहुत ज्यादा कठिन माना करते थे l साथ ही उनके अन्दर एक प्रकार का भय होता था जिज्ञासा का अर्थ
इतनी जटिल विषय को कभी नहीं सीखा सकते और उनमें नकल की आदत रहती थी l ऐसी स्थिति में आवश्यक होता था l कि मैं उनके मन के अन्दर विषय के प्रति कोई जिज्ञासा
और लगाव नहीं रहता था l वे विष्य बहुत ज्यादा कठिन माना करते थे l साथ ही उनके अन्दर एक प्रकार का भय होता था l कि वे इतनी जटिल विषय को,जिज्ञासा का अर्थ
कभी नहीं सीखा सकते और उनमें नकल की आदत रहती थी l ऐसी स्थिति में आवश्यक होता था l कि मैं उनकी मन के अन्दर विषय के
जिज्ञासा का अर्थ
प्रतिदिलचस्प, पैदा करू उनके मन में पलने वाले विषय के प्रति भय को दूर करू उन्हें नकल के दुष्परिणामों के विषय में अवगत कराऊं और यह सब करने के लिए मुझे उपचारात्मक
व्याख्यान देने होते मेरे मित्रवत व्यवहार और सर्दभनापूर्ण, अपनत्व भरी चर्चा से वे समझने लगते कि सचमुच में उन्हें नकल नहीं करना चाहिए और इतने सरल विषय को अच्छे ढंग से सीखना चाहिए और उनके मन उनके मन में
सीखने की जिज्ञासा पैदा हो जाती विषय को जानने की चाहत पैदा होते ही वे आसानी से विषय को सीखा जाते इस विषय बहुत सारे उदाहरण दिए जा सकते हैं, दुनिया के महान,जिज्ञासा का अर्थ
विद्वानों वैज्ञानिकों और बुद्धि जीवियों की ज्ञान संबधी ऊंचाइयों के कारकों की यदि हम खोज करते हैं तो अनेक कारकों के साथ उनके अन्दर तीव्र ज्ञान पियासा का पाया जाना एक महत्वपूर्ण कारक के रुप में हमें प्राप्त होता है l
आप अनेकों बार अपने जीवन में अनुभव किए होंगे कि किसी जटिल पंरतु आवश्यक जानकारी की आप खोज कर रहे होते हैं, आप खोज कर रहे होते हैं, आप उस विशिष्ट जानकारी, को व्याहारिक ज्ञान की बातें
प्राप्त करने के लिए बहुत सारा मेहनत करते हैं, परन्तु वह जानकारी आपको प्राप्त नहीं हो पाती फिर बड़ी मुश्किल से वह जानकारी आपको कहीं से मिल जाती है l
तब आप एक चमत्कार देखते हैं कि वह जटिल लगने वाली जानकारी आपको बहुत आसान सा लगने लगा है और वह आपको याद हो गाय है, इसके पीछे आपकी उत्कट जिज्ञासा
जिज्ञासा का अर्थ ही आपकी सहयोगी होती है, निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि जब हमारे अन्दर किसी भी ज्ञान को प्राप्त करने की तीव्र जिज्ञासा होती है तो हम उस ज्ञान को बहुत जल्दी सीख जाते हैं l और वह हमारे लिए बहुत आसान भी हो जाता है,
हम कहना यह चाहते हैं कि जब आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं तो प्रतियोगिता संबंधी विषयों का ज्ञान को प्राप्त करने की लिए आपके मन में तीव्र जिज्ञासा होनी चाहिए यदि आपके मन में प्रतियोगिता, जिज्ञासा का अर्थ
संबंधी विषयों का अच्छा ज्ञान प्राप्त करने की तीव्र जिज्ञासा है तो आपको उन विषयों का ज्ञान आसानी से हो जायेगा और विषय आपको भार स्वरूप नहीं लगेंगे विषयों के ज्ञान में पारंगत होते ही आप अपनी प्रतियोगिता में आसानी से सफल हो जाएंगे अपने अन्दर जिज्ञासा पैदा करना आपके स्वयं के प्रयासों से संभव हो जाएगा l
अनुभव एवं व्यावहारिक ज्ञान
![व्यावहारिक ज्ञान की बातें](https://janavicomputercourse.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20241206_173536-2-1024x576.png)
व्यावहारिक ज्ञान की बातें इस दुनियां में जीवन जीने से हमें बिना पढ़ाई लिखाई किए हुए ही कुछ बातों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, रोज मर्रा के जीवन जीने से हमें कुछ न कुछ अनुभव प्राप्त होता रहता है, ज्ञान का अर्थ
रोजमर्रा के व्यवहारों में हमें बहुत सारे लोगों वा परिस्थितियों से पाला पड़ता है, लोगों से मिलने जुलने और बातों करने से हमें बहुत सारी बातों की सीख मिलती रहती है, हमारे साथ
जो परिस्थितियों आती है वे हमें कुछ न कुछ सिखा कर जाती है, इस तरह से हमें जो ज्ञान प्राप्त होता है उसे अनुभव या व्यवहारिक ज्ञान के नाम से जानते हैं, जिज्ञासा का अर्थ
जीवन में कोई भी कार्य करने के लिए हमें उस कार्य हमें उस कार्य के संबध में ज्ञान की आवश्यकता होती है, जब हमारे मस्तिष्क में किसी कार्य के करने के तौर तरीकों का ज्ञान होता है, तभी हम उस कार्य को अच्छे से कर पाते हैं, कार्य को
अच्छे ढंग से संपादित करने के लिए हम अपने दो तरह के ज्ञान का इस्तेमाल करते हैं, एक तो वह ज्ञान जो हम उस कार्य विशेष के संबंध में किताबो में या ज्ञानार्जन के अन्य, जिज्ञासा का अर्थ
साधनों के द्वारा अध्ययन करते हैं, दुसरे हम कुछ ऐसे भी ज्ञान का इस्तेमाल उस कार्य विशेष को करने के लिए करते हैं, जिसका अध्ययन हम कहीं भी नहीं किए हुए होते अर्थात् हमें
जिस ज्ञान की प्राप्ति व्यवहारिक अनुभव के द्वारा हुई होती है, उसका इस्तेमाल हम उस कार्य विशेष को संपादित करने के लिए करते हैं, तभी हम उस कार्य को अच्छे ढंग से कर पाते हैं, व्याहारिक ज्ञान की बातें
यह भी देखा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य के करने के लिए कुछ भी सैद्धांतिक शिक्षा ग्रहण किए हुए नहीं होता है, फिर भी वह व्यवहारिक रूप में उस कार्य को बहुत अच्छे
से कर लेता है, जब कि सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त किए हुए लोग उस कार्य को नहीं कर पाते l उदहारण के रुप में हम किसी इंजन को सुधारने की बात को ले लेते हैं l माना कि एक नया डीजल इंजन स्टार्ट नहीं हो यहां पर सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त मैकेनिक उसे इस नजरिए से देखेगा जिज्ञासा का अर्थ l
इंजन स्टार्ट नहीं होता या तो उसका कंप्रेशर डाउन होगा या तो इंजन को फ्यूल की सप्लाई न हो रही होगी वह उसका कंप्रेशर चेक करेगा कंप्रेशर ठीक होने पर वह फ्यूल की सप्लाई चेक
करेगा फ्यूल की सप्लाई भी ठीक है, अब वह इंजन को स्टार्ट करता है, परन्तु इंजन फिर भी स्टार्ट नहीं होता है, बार बार इंजन को स्टार्ट करने का प्रवास करता है l
परन्तु फिर भी इंजन स्टार्ट नहीं हो पाता वह परेशान हैरान हो जाता हो जाता है, अंत इंजन सुधारने के कार्य को छोड़ देता है, अब एक दूसरा मैकेनिक या इंजीनियर आता है, जिसे, जिज्ञासा का अर्थ
इंजन सुधारने का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हैं, वह इंजन के पार आते ही इंजन के विषय में पारिस्थितिक रुप से सोचता है, जनवरी का महीना है, इंजन के ऊपर कोई शोद नहीं है, इंजन अभी एक दम से नया है,
अंत इंजन का कंप्रेशर डाउन होने का तो कोई सवाल ही नहीं हैं, फ्यूल की सप्लाई क्यों नहीं हो रही है, अभी नए इंजन के फिल्टर में भी कोई कचरा नहीं होगा फिर सप्लाई क्यों नहीं,
ज्यादा शीत के कारण फ्यूल टैंक में डीजल जम गया होगा वह जरा सा डीजल किसी बरतन में निकलवा कर गरम करवाता है और फ्यूल टैंक में डाल देता है l कुछ पल रुका रहता है, जिज्ञासा का अर्थ
तब तक शीत के कारण जमा हुआ फ्यूल पिघल जाता है l फिर इंजन को स्टार्ट कराने का प्रयास करता है l इंजन पहले प्रयास में ही स्टार्ट हो जाता है l यह है व्यवहारिक ज्ञान या
अनुभव का फायदा l इसी तरह आई. ए. एस. परीक्षाओं की तैयारी और उनमें उनमें प्राप्त होने वाली सफलताओं के लिए हमें अनुभव और व्यवहारिक ज्ञान की आवश्यकता होती है l मैंने प्री परीक्षा सिर्फ आठ महीने की तैयारी में व्याहारिक ज्ञान की बातें
क्वालीफाई कर ली थी जबकि मेरे कुछ साथी पिछले पांच सालों की तैयारी में भी प्री परीक्षा क्वालीफाई नहीं कर पाए थे l इसके पीछे सिर्फ मेरा व्यवहारिक ज्ञान ही मेरी ज्ञान
मदद कर रहा था l प्रश्न पत्र में बहुत सारे ऐसे प्रश्न पूछे गए जिज्ञासा का अर्थ जिन्हें मैं अपने अध्यापन कार्य के समय विद्यार्थियों को पढ़ाया करता था l जब कि उन लोगों को व्यवहारिक ज्ञान बिल्कुल, जिज्ञासा का अर्थ
प्राप्त नहीं था l जबकि मैं कई वर्षो से शिक्षा वा अध्ययन अध्यापन जगत से जुड़ा हुआ था l इंटर क्लास तक के बच्चों को अध्ययन अध्यापन करवाता था l जिसका मुझे फ़ायदा मिला
जिज्ञासा का अर्थ
यदि आप आई. ए. एस. या राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं या किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं तैयारी कर रहे हैं तो वहां भी आपका व्यवहारिक ज्ञान आपके बहुत काम आयेगा
इसकी तो इन परीक्षाओं में पूछें जाते हैं, जिन्हें परीक्षक जनता है कि इन्हें प्रतियोगी पाठ्य पुस्तकों के द्वारा नहीं पढ़ सकता ऐसा नहीं है कि ये चीजे पाठ्य पुस्तकों में पाई ही नहीं जाती हो पुस्तकों वा पत्र पत्रिकाओं में या जिज्ञासा का अर्थ
खबरों आदि में तो दुनिया की सारी बातें एन केन प्रकारें आ जाती है, परन्तु ये बाते इतने विस्तृत दायरे की होती है कि एक प्रतियोगी इन्हें नहीं पढ़ पाता है, तो उन बातों को याद नहीं
कर पाता इस तरह की बातों से कुछ प्रश्न तैयार करके इन परीक्षाओं में पूछें लिया जाता है, और इनसे प्रतियोगी के कामनसेंस या व्यवहारिक ज्ञान की परीक्षा कर ली जाती है l
आप यूपीएससी या राज्य पीसीएस के प्रत्येक वर्ष के कोई भी प्रश्न पत्र उठा कर देख लीजिए इन बहुत सारे प्रश्न ऐसे पूछें जाते हैं जो प्रतियोगी के कामनसेंस या व्यवहारिक ज्ञान की
परीक्षा के लिए पूछें जाते हैं, भले ही प्रश्न अब्जेकित्व टाइप का या लिखित वर्णनात्मक प्रकार का हो उदारहरण के लिए https://janavicomputercourse.com/2024/06/यूपीएससी-2024-braking-scorers-of-लेटेस्ट-पोस्/
प्रश्न निम्मलिखित में से किन महाजनापदो का संबंध बुद्ध के जीवन से है, जिज्ञासा का अर्थ
(1) अवति
(2) कौशल
(3) मगध
(4) गांधार
नीचे दिए गए कूट्रो से से सही उत्तर चुनिए,जिज्ञासा का अर्थ
(a) केवल 2और 3
(b) केवल 1और/4
(c)1,2/और/4
(d) केवल 1/और 4
इस प्रश्न को देखें तो प्रश्न उठता है कि इस प्रकार से कोई भी प्रतियोगी दुनिया के कितने कितने स्थानों का नाम तथा वे किन किन लोगों से संबद्ध है, यह कैसे याद कर सकता है,
और सिर्फ इसी प्रकार के प्रश्न तो पूछे नहीं जाते कि वह ऐसी बातों को याद भी कर ले प्रश्न तो असंख्य प्रकार के किए जा सकते हैं l फिर यह सब कैसे याद किया जा सकता है, जिज्ञासा का अर्थ
ऐसी स्थिति में प्रतियोगी का व्यवहारिक ज्ञान और या कामनसेन्स ही काम करता है, यदि प्रतियोगी के पास व्यवहारिक ज्ञान है तो वह सोच सकता है कि बुद्ध का जीवन
प्रमुख रुप से बिहार और नेपाल से संबन्धित रहा है, क्योंकि उनका जन्म वर्तमान के नेपाल के लुंबिनी नामक स्थान में हुआ था l परन्तु उनकी ज्ञान की प्राप्ति बिहार के बोध गया में हुई थी l लुंबिनी कोष्ल और व्याहारिक ज्ञान की बातें
जिज्ञासा का अर्थ मगध ही हो सकते हैं, जबकि अवंति यानी उज्जैन और गांधार यानी अफगानिस्तान ये बुद्ध के तत्कालीन जीवन से प्रमुख रुप से संबन्धित नहीं कहला सकते क्योंकि बहुत दूर थे l भले,
ही बाद में वहां बौद्ध धर्म का अच्छा प्रसार प्रचार हो गया अंत व्यवहारिक ज्ञान या कामनसेन्स के द्वारा इसका उत्तर निकाला जाएगा जिज्ञासा का अर्थ
(a) केवल 2/और 3
और सचमुच में यही उत्तर सही है l
इस प्रकार से एक प्रश्न है,जिज्ञासा का अर्थ
प्रश्न निम्नलिखित में से वैशिवक आर्थिक संभावना रिपोर्ट कौन जारी करता है,
(a) विश्व बैंक
(b) यूरोपीय पुननिमार्ण वा विकास बैंक
(c) एशिरिकन विकास बैंक,
(d) अमेरिकन फेडरल रिजर्व बैंक
यह प्रश्न भी प्रतियोगी की सामान्य समझ पर आधारित है, क्योंकि विश्व के समस्त संगठनों वा संस्थाओं के नाम वा कार्य याद रखना प्रतियोगियों के लिए इसलिए संभव नहीं है कि,
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का कोर्स इतना सीमित तो नहीं होता कि बाद इन्ही का नाम और कार्य याद कर लिया जाए अंत प्रतियोगिता को ऐसे प्रश्नों को देख कर घबराने की आवश्यकता नहीं है ,https://janavicomputercourse.com/2024/07/जीवन-सकारात्मक-विचार/
यहां पर आप अपने सामान्य समझ का उपयोग करें सामान्य समझ का उपयोग करने पर आपको लगेगा कि वैश्विक आर्थिक संभावना अर्थता पूरे विश्व में आर्थिक विकास की संभावना के विषय में जिज्ञासा का अर्थ
रिपोर्ट जारी करना है, और यह कार्य तो विश्व लेबल की संस्था ही कर सकती है, दूसरे संस्थाओं को यह कार्य कराने की क्या गर्ज पड़ी है, इनमे से विश्व लेबल की संस्था तो व्याहारिक ज्ञान की बातें
केवल विश्व बैंक ही है l बाकी की संस्थाएं एक सीमित दायरे की दिखाई पड़ रही है, अंत कामनसेंस के आधर पर इसका उत्तर होगा जिज्ञासा का अर्थ
(a) विश्व बैंक
(d) यूरोपीय पुननिमार्न वा विकास बैंक
(c) एशियाई विकास बैंक
(d)अमेरिकन फेडरल रिजर्व बैंक
यह प्रश्न भी प्रतियोगी की सामान्य समझ पर आधारित है क्योंकि विश्व के समस्त संगठनों वा संस्थाओं के नाम वा कार्य याद रखना प्रतियोगियों के लिए इसलिए संभव नहीं है कि
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का कोर्स इतना सीमित तो नहीं होता कि बस इन्हीं का नाम और कार्य याद कर लिया जाए अंत प्रतियोगियों को ऐसे प्रश्नों को देख कर घबराने की आवश्यकता नहीं है, यहां पर आप अपने सामान्य, जिज्ञासा का अर्थ
समझ का उपयोग करें सामान्य समझ का उपयोग करने पर आपको लगेगा कि वैश्विक आर्थिक संभावना अर्थता पूरे विश्व में आर्थिक विकास की संभावना के विषय में रिपोर्ट जारी
करना है, और यह कार्य तो विश्व लेबल की संस्था ही कर सकती है, दूसरे संस्थाओं को यह कार्य करने की क्या गर्ज पड़ी है, इनमे से विश्व लेबल की संस्था तो केवल विश्व बैंक ही है, बाकी की संस्थाएं एक सीमित दायरे की दिखाई पड़ रही अंत कमांसेंस के आधार पर इसका उत्तर होगा
(a) विश्व बैंक
और सचमुच में यही उत्तर सही है ,https://janavicomputercourse.com/2024/07/यूपीएससी-क्या-हैupsc-best-janakari-2024-top-ten-list-and-pulish/
वर्तमान में इस प्रकार के प्रश्न बड़ी तादाद में पूछे जा रहें हैं, और अपने प्रश्नों के उत्तर ढूंढने के लिए आपको अपने कामन सेस का उपयोग अवश्य ही करना चाहिए हां यह तभी करना
चाहिए हां तभी करना चाहिए जब कि आप संबन्धित प्रश्न का उत्तर अपने अध्ययन और यथार्थ ज्ञान के आधार पर न खोज पा रहे हों l और यह भी याद रखें कि व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित ऐसे प्रश्न केवल प्रारंभिक या वैकल्पिक
टाइप के प्रश्न वाली परीक्षाओं में ही नहीं पूछे जा रहें हैं, बल्कि वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्नों वाले प्रश्न पत्रों में जैसे भारतीय सिविल सेवा मुख्य परीक्षा या राज्य सिविल सेवा मुख्य, व्याहारिक ज्ञान की बातें
परीक्षाओं में भी पूछी जाने लगे हैं, कामनसेंस पर आधारित इस प्रकार के निबंध भी लिखने को दिए जाने लगे हैं, जैसे डिजिटल भारत कार्यक्रम खेत उत्पादकता और आय को बढ़ाने में किसानों की किस प्रकार से सहायता कर सकता है l
(IAS Main exam GS प्रश्न पत्र III 2015) सोशल मीडिया अंतर्निहित रुप से एक स्वार्थ परायण है, इस तरह के निबंध कामनसेनस से ही लिखे जा सकते हैं,(IAS Main exam
प्रश्न पत्र निबंध 2017/प्रतियोगियों को ऐसे प्रश्नों को देख कर घबराने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है l आप यह न समझ बैठें कि यूपीएससी में प्रश्न पूछे जाने का दायरा तो बहुत ही असीमित प्रकार का है,जिज्ञासा का अर्थ
हमारे अध्ययन और तैयारी से संबंधित प्रश्न आते ही नहीं है, इन प्रश्नो के उत्तर देने के लिए तो हमें बहुत ज्यादा अध्ययन और तैयारी की आवश्यकता होगी और शायद इतनी वृहद
तैयारी हमसे नहीं हो सकेगी l बिल्कुल नहीं जिन प्रश्नों के उत्तर आप अपनी तैयारी के द्वारा दे सकें तो ठीक ही है, परन्तु जिनके उत्तर आपा अध्ययन के आधार पर न दे सकें तो उनके उत्तर देने के लिए आप अपने व्यवहारिक बुद्धि का प्रयोग अवश्यक करें निश्चित रूप से परिणाम अच्छा रहेगा व्याहारिक ज्ञान की बातें
अब शायद आप समझ चुके होंगे कि आई ए एस और पीसी एस जैसी परीक्षाओं में आपके व्यवाहा रिक बुद्धि या ज्ञान का परिक्षण कैसे किया जाता है, और आप इसकी परीक्षा किस प्रकार से दे सकते हैं, और इसमें खरा उत्तर सकते हैं ,जिज्ञासा का अर्थ
समसामयिक विश्व से जुड़ें:
![](https://janavicomputercourse.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20241206_172037-1024x576.png)
समसामयिक विषय पर निबंध वर्तमान में सिविल सर्विसेज हो या अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं सभी में समसामयिक विश्व से जुड़ी हुई घटनाओं तथ्यों आंकड़ों वा स्थानों से संबंध रखने वाली सामाग्री से अधिक
प्रश्न पूछे जाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, अन्त आपको करेंट अफेयर की गहराई के साथ अच्छी जानकारी रखनी चाहिए परीक्षा चाहे कैसी भी हो अब्जेकितव के प्रश्न हों या अति लघु उत्तरिय या टिप्पणी पार्क या निबंधात्मक प्रकाए
हों सभी के माध्यम से समसामयिक प्रश्नों के पूछे जाने की प्रवृत्ति निरंतर बढ़ती जा रही है l अंत यदि आप अपनी तैयारी के समय सामासायिक विश्व से जुड़ कर नहीं रहेंगे तो निश्चित
रूप से तो आपकी तैयारी अधूरी मानी जाएंगी और इतनी अधूरी कि आपका चयन मुश्किल हो जाएगा आपको मालूम होना चाहिए कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2018/में 100/में से 45/प्रश्न और 2019/में 100
में से 37/प्रश्न किसी न किसी तरह से समसामयिक घटनाओं से संबंधित पूंछे गए थे l इसी तरह सिविल सेवा मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र पत्र III के 20/प्रश्नों में से 13/प्रशन
समसामयिक सामग्री से संबंधित पूंछे एवं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा निबंध 2017/में 8/से 3/प्रश्न समसामयिक मुद्द्र्दो से संबंधित पूंछे लिए जाते हैं ,जिज्ञासा का अर्थ
यहां पर स्थानाभाव के कारण समस्त आंकड़े देना संभव नहीं है, उपरोक्त आंकड़े केवल उदहारण रूवरूप दिए गए हैं परन्तु इतना तो स्पष्ट है कि हर प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं में सम
सामयिक प्रकार के प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, अंत आपके लिए करेंट अफेयर की अच्छी तैयारी करनी चाहिए और इसके लिए आपको अच्छे टीवी चैनलों राज्य सभा टीवी डीडी नेशनल वा रेडियो बीबीसी वा
समाचार दिल्ली पर प्रसारित वा समाचार पत्रों पर प्रकाशित होने वाले आंकड़ों और ताजी सूचनाओं पर विशेष फोकस करना चाहिए इनके द्वारा प्राप्त होने वाले महत्पूर्ण बातों वा
घटनाओं की बारीक बारीक जानकारी रखनी चाहिए प्रतियोगी पत्रिकाओं से भी कुछ सामग्री प्राप्त हो परन्तु इन पर पूर्ण रूपेण आधारित होना ठीक नहीं होगा जिज्ञासा का अर्थ
प्रश्नों की प्रवृत्ति को देखते हुए संपूर्ण तैयारी का कम से कम 30/से 35/प्रतिशत समय करेंट अफेयर की तैयारी में देना आवश्यक जान पड़ते लगा है, इसके लिए आपको बकायदा
नोट्स बना कर अच्छी और गहन तैयारी करनी चाहिए पुरानी धरे को छोड़ नवीन रुझान देना आवश्यक हो गाय है l
समय और उनका प्रबंधन
![समय प्रबंधन क्या है और आप अपने समय का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं](https://janavicomputercourse.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20241206_174051-1-1024x576.png)
समय प्रबंधन क्या है और आप अपने समय का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं लक्षण त्योग कुत्तों विद्या कण कुत्तों धनम इस श्लोक पंक्ति का आशय समझने का प्रायस कीजिए जीवन का एक एक पल महत्पूर्ण होता है l जिसने भी अपने जीवन के इन अमूल्य पलों का बेहतर उपयोग किया है,जिज्ञासा का अर्थ
वहीं जीवन के असीमित ऊचाइयों पर पहुंच पाया है l आप जितने भी महान विभूतियों और अपने कार्यों के द्वारा चमत्कार कर दिखलाने वाले महापुरूषों के जीवन वृत्त सुने या
पढ़े होंगे वे ऐसे ही लोग रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन में प्रकृति से प्राप्त अनुपम उपहार समय का बहुत बेहतर तरीके से उपयोग किया है,
समय के एक एक पल का सही उपयोग करने वाले अपने कैरियर को बहुत ऊंचाई पर ले जा सकते हैं l वे दुनियां को बहुत बड़ा उपहार दे सकते हैं l
ऐसा महान विभूतियों का नाम इतिहास के पन्नों में सुन्दर हार्फो में लिखा जाता है l उनका नाम गिनीज बुक में बड़े में बड़े गर्व के साथ अंकित किया जाता है l ऐसे लोग अपने महान कामों के द्वारा मर कर भी जीवित रहते हैं,जिज्ञासा का अर्थ
सफलता और समय का चोली दमन का साथ होता प्रतियोगी परीक्षा हो या कोई अन्य कार्य जो समय का बेहतर उपयोग करता है, वही अपने लक्ष्य में विजय होता है l आपका कार्य
जो भी हो समय के प्रति पल आप चैकन्ना रहिए पल पल का सदुपयोग कीजिए अपने प्रत्येक कार्य का टाइम टेबल तैयार कीजिए और प्रत्येक कार्य को समय से कीजिए यही सफलता का असली राज है, आप अपने रोजमर्रा के जीवन में बहुत से लोगों को देखते होने जो प्रता सबसे पहले उठने है, और रात में सबसे बाद में सोते हैं,
जा ये लोग दुनिया के नक्शे में ज्जारें जरा पर छाए हुए दिखाई पड़ते हैं, उदारहरण बिलगेट्स अजीम प्रेमजी अम्बानी गुप्स रिलायंस गूप्स सुन्दर पिचाई कुमार मंगलम डोनाला टार्म्प वा
ऐसे ही अन्य महान हस्तियों की सफलता का राज यही है l इन लोगों ने समय के एक एक पल बेहतर उपयोग किया है, और निरंतर कर रहे हैं, कुछ आप लोगों को आप देखते होंगे कि सुबह के आठ बजे जाए या दस जायें उन्हे कोई परवाह नहीं होती ये लोग खट्टी मारते सोते रहते हैं,जिज्ञासा का अर्थ
जब जी चाहा कुछ कर लिया न चाहा न किया इन्हें तो सिर्फ ऐशो आराम चाहिए जिसे वे दूसरों माता पिता के बल से प्राप्त कर रहें होते हैं, परंतु ध्यान रहें भविष्य में यही लोग दुनिया के
सावधिक परेशान हाल फटेहाल गरीब और दुख दर्द के मारे व्यक्ति बनते हैं, फिर इन्हें गली चैराहों पर कटोरा लेकर दूसरों के सामने हाथ फैलाने आ भावों वा आर्थिक परेशानियों के
समय दूसरों के सामने गिड़ी गिड़ने और हाथ जोड़ने खुदगर्ज और अमीर लोगों के लात घूसें खाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं रह जाता ऐसे लोग आगे चलकर चोरी डकैती भी करते हैं,
अनैतिक तरीके से पैसे और सुख सुविधाएं प्राप्त करने का प्रायस करते हैं और जेल जाते हैं, या चारों तरफ बात लता खाते फिरते रहते हैं, अंत में कुत्ते की मौत मारे जाते हैं l अगर,
आपको ऐसी जिन्दगी से घृणा और अच्छी जिन्दगी से प्यार हो तो कभी भी समय का दामन मत छोड़िए ध्यान रखें जो व्यक्ति समय का पाबंद होता है, वह हर कार्य में सफल राहत
है, कभी कभी एक पल की चूक के कारण करोड़ों का नुकसान हो जाता है या विश्व कप में हाथ से बाल का कैच छूट जाता है, या एक पल की देरी से खिलाड़ी आउट हो जाता है, जिज्ञासा का अर्थ
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