हड़ताल किसी का हित नहीं साधती हड़ताल के कारण उद्योग बंद है जाते हैं, गरीब मजदूर बेरोजगार हो जाते हैं, सरकार के हड़ताल क्या है राजस्व में कमी आ जाती है l
उद्यमियों के उद्यम लगने के प्रयास में विपरीत प्रभाव पड़ता है, बैंक एवं वित्तीय संस्थाओं का पैसा भी डूब जाता है l ऐसा भी देखा गया कि बिजनेसमैन अपनी पूंजी गंवाकर कर्जदार हो जाता है l हड़ताल के बारे में बताइए l पूरी जानकारी पोस्ट में मिलेगी पोस्ट जरूर पढ़ें
किन गलतियों के कारण हड़ताल होती है, उसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण देता हूं l एक कर्मचारी को रेलवे स्टेशन पर कोयले को देखभाल के लिए भेजा गया l छोटे बच्चे तथा औरतें कोयला बिनने लगीं तो वह कर्मचारी लाठी लेकर उन्हें भगाने लगा l
और नीचे बिछे सिगनल के तारों में उलझकर गिर गया l चोट के कारण कार्य अनुपस्थित रहा तथा दवा और इलाज में काफ़ी पैसा लगा l उसके मालिक ने अनुपस्थित का पैसा काट लिया इलाज का खर्च भी नहीं दिया और मांगने पर सवाल किया कि तुम्हें
कोयले की निगरानी करने भेजा था या गिरकर चोट खाने को कर्मचारी के प्रति मालिक के इस प्रकार के रवैए के कारण कर्मचारी में असंतोष का बढ़वा स्वाभाविक था l
हड़ताल
इस असंतोष की परिणति हड़ताल में हो गई मुख्य बात थी कि करचरियों के प्रति नियोक्ता का दृष्टिकोण मानवीय नहीं था l याद रखें कर्मचारी केवल पैसे के लिए काम नहीं करता l वह भी अपना मान सम्मान रखता है l कर्मचारी के मान सम्मान की रक्षा
करना उसके मालिकों का फर्ज है l आप कोशिश करे कि आपका कर्मचारी संतुष्ट रहे l अगर वह संतुष्ट होगा तो अपने परिश्रम से आपको अधिक उत्पाद देगा l
उसकी कोई मांग भी होगी तो मिल बैठकर उसका हल निकल जाएगा हड़ताल करने की नौबत नहीं आएगी l
कर्मचारी किसी प्रकार की शिकायत लेकर आए तो उसे ध्यान पूर्वक सुनें तथा संतोषजनक उत्तर देने का प्रयास करें l
उसकी परेशानी सुने बिना समझने का प्रयास न करें उसकी बात सुन लेने से उसका पात्र खाली हो जाएगा और तब वह आपकी
बात ग्रहण करने की स्थिति में होगा l अधिकांश कर्मचारी केवल समस्या लेकर आते हैं और मालिकों को तंग करते हैं l
ऐसों स्थिति में आप कर्मचारी से कहें कि आप समस्या के साथ आपकी अपनी दृष्टि में जो भी समाधान हो लेकर आएं l
उसके बाद वे केवल वही समस्या लेकर आएंगे जो वास्तविक होगी l आप विश्वाश रखें कि समस्या है तो समाधान भी है,
बीमारी है तो उसका इलाज भी है l केवल इस बात का ध्यान रखें कि समस्या या बीमारी को उसकी प्रारंभिक अवस्था में ही ठीक कर लें l समस्या को फुंसी से फोड़ा न होने दें l हड़ताल
हमेशा निशाने से ऊपर साधे तो ही निशाने तक पहुंच जाएंगे l जब भी शिक्षा ग्रहण करें तो अपने से अधिक सफल बिजनेसमैन से ग्रहण करें l
हड़ताल से बचना चाहते हैं तो ऐसे बिजनेसमैन से संपर्क रखें जिसके प्रतिष्ठान में कभी हड़ताल नहीं होती l स्वयं देखें कि उसका अपने कर्मचारियों के प्रति कैसा व्यवहार है l
जब कर्मचारियों में यह भावना पैदा करेंगे कि आप उनके सुख दुख के साथी हैं तो उनका नजरिया भी आपके प्रति सहयोगात्मक हो जाएगा l
मालिक और मजदूर का बड़ा ही नाजुक रिश्ता है l इस रिश्ते में न तो कभी खटास आए और न कभी कमी आए l
मालिक मजदुर में किसी के प्रति अविश्वास न पनपे कर्मचारी को समझने में कभी क्रोध का आश्रम न लें l
क्रोध में बोध समाप्त हो जाता है और वह कभी भी हित साधन नहीं करता l
कर्मचारी अगर संतुष्ट हैं तो वह अपनी पूरी क्षमता से काम करेगा l हड़ताल के नियम
बिजनेसमैन को अपने अच्छे व्यवहार मानवीय दृष्टि कोण और उदार भावना से कर्मचारियों को संतुष्ट रखना चाहिए l
हड़ताल का सीधा संबंध बिजनेसमैन के व्यवहार एवं भावना से जुड़ा होता है l
हमारे देश में किसी संपदा एवं अकूत भंडार है l केवल आवश्यकता है हर हाथ को काम देने की श्रम नीति में सुधार करने पर उद्योगों को बंद होने से बचाया जा सकता है और नए उद्योगों की स्थापना संभव हो सकती है l
जैसे जैसे हमारे मज़दूरों को रोजगार मिलेगा वैसे वैसे हमारी गरीबी मिटेगी एवं कानून व्यवस्था में निश्चित रूप में सुधार आएगा l
ध्यान रखें रोज़गार रहित आर्थिक विकास सुख रहित आर्थिक विकास का पर्याय होगा l
गांधीजी ने भी गरीबों को रोटी खिलाने की जगह रोजगारी मुख बनाने की निति का समर्थन किया था l
विज्ञान के तेजी से विकास ने स्वचलित उपकरणों की संख्या में वृद्धि की है,
जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है, ऐसी बेरोजगारी रोकने का एक मात्र उपाय छोटे बड़े उद्योगों का जाल बिछाना है तथा उद्योगों को बीमार एवं बंद होने से बचना है l
ध्यान रखें राष्ट हित में श्रम नीति में सुधार की कड़वी दवा का सेवन किए बगैर भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत नहीं सुधरेगी l
हमारे देश की राजनैतिक बिरादरी श्रम नीति में सुधार के सवाल पर सत्ता में रहने पर समर्थन एवं विपक्ष में रहने पर विरोध का खेल बंद करे l
सुधारों को अपनाने के लिए अब पार्टी हित में न सोचकर देशहित में सोचना पड़ेगा l
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उद्यमियों को एक पद की आवश्यकता के लिए कई कई बार विज्ञापन निकालना पड़ता है l
आवेदन बहुत आते हैं, लेकिन योग्य व्यक्ति नहीं मिलते पढ़ें लिखे हैं, लेकिन योग्यता में कमी के कारण उनका चयन नहीं हो पाता
हमें देखना होगा कि हमारी शिक्षा योग्य व्यक्ति क्यों नहीं बना पाती योग्य व्यक्ति बनाने के लिए शिक्षा में सुधार की आवश्यकता है,https://janavicomputercourse.com/2025/02/विपणन/
हम रोज़गार नहीं दे सकेंगे तो गरीबी बढ़ेगी अभाव में जीना आदमी का स्वभाव नहीं है, हड़ताल के कारण
अंत वह गलत रास्ता चुन लेता है l राष्ट्रीय चरित्र में कमी के कारण हम राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर गर्व का अनुभव करते हैं,
हमारी यह प्रवृत्ति भी राष्ट्रीय विकास में बाधक है l https://www.quora.com/profile/Rekha-Devi-2144?ch=10&oid=2407798221&share=e02b34fe&srid=3djjWJ&target_type=user
देशवासियों में राष्ट्रीपेम की भावना भरना आवश्यक है l देशवासियों को यह बोध करान होगा कि राष्ट्र देवी भव की भावना ही सर्वोपरि है l राष्ट्रप्रेम की भावना जाग्रत होने पर स्वदेशी मल हितकर लगेगा विदेशी की चाहत में कमी आएगी l हड़ताल
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