computer full form Based On(2024)

आज कंप्यूटर नई हमारी computer full form जिन्दगी को सही मायनों में बदल कर रख दिया है l आज कंप्यूटर के युग में विभिन्न प्रकार की

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lNTRODUCTION TO COMPUTER

Hii friends is website par bahut bahut sogt hai janavicomputercourse में इलेक्ट्रोनिक एवं कंप्यूटर राई जड़ मशीनों

का वजह से हमारी जिन्दगी के कई कार्य अधिक आसान तथा कम समय में पूर्ण होने लगे हैं ,computer ka full form

जिस Computer के उपयोग ने हमारी जिन्दगी को इतना आसान बना कर है, उनकी नींव आज से लगभग 3000/वर्ष पूर्व डाल गई थी अर्थता

Computer का इतिहास आज से लगभग 3000/, वर्ष पुराना है l तब कंप्यूटर इतना महत्वपूर्ण नहीं था, परन्तु कंप्यूटर रोजमर्रा की जिन्दगी में

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प्रयुक्त होने वाला एक जाना पहचाना शब्द है आज हमारे दैनिक जीवन के लगभग हर क्षैत्र में Computer का प्रयोग किया जा रहा है ,

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Computer के उपयोग की वजह से बहुय हो आसान तथा कम समय में पूरे होने लगे हैं l आज रेलगाड़ियों में आरक्षण करवाने के लिए लम्बी लम्बी

लाइनों में लगने की गई आवश्यकता नहीं रह गई है l हम घर बैठें ही मात्र Computer की तथा Internet की मदद से तसल्ली से सभी trains,

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में सीटों की उपलब्धता को देखते हुए अपना आरक्षण स्वय कार सकते हैं, है न ये बहुत ही दिलचस्प तथा मजेदार बात यह सिर्फ Computer के https://janavicomputercourse.com/2024/06/a-comprehensive-guide-to-the-latest-ccc-computer-course-syllabus-in-hindi-best-2024-introduction-to-computer/

उपयोग की वजह से ही सम्भव हो सका है, यहां तक कि किसी बड़ी दुकान से खरीददारी करने के बाद उसका बिल भी Computer से ही बनया जाने

लाग है l कहने का तात्पर्य यह है कि वर्तमान में Computer का उपयोग सिर्फ गिनी चुनी जगहों में न होकर लगभग सभी जगहों में हो रहा है,computer full form

अर्थात यह वर्तमान में एक दुर्लभ मशीन न रहकर स्कूटर टी, वी कर की तरह घरेलू उपयोग की वास्तु बन चूका है l इसलिए आज के युग को कंप्यूटर का युग कहा जाने लगा है l

आज Computer का इस्तेमाल सचारा के साधन के रुप में भी होने लगा है l आज Computer की वजह से संचार मात्र लिखित रूप में सीमित न

होकर ध्यानी वीडियो तथा ग्राफिक्स तक पर भी अपनी पहुंच बना चुका है,Computer के उपयोग की वजह से ही हम अपने विदेश में बैठे हुए मित्र से न केवल बार कर सकते हैं, अपितु उसे देख भी सकते हैं l

कंप्यूटर के गुणों को मद्देनजर रखते हुए आज इस पर किए जाने वालें कायों की संख्या में निरंतर बुद्धि होती जा रही है l

आज का युग कंप्यूटर पर इतना अधिक निर्भर होता जा रहा है कि बिना कंप्यूटर की मदद के बहुत से कार्य करना लगभग असम्भव सा होता जा रहा है l आज के युग की कंप्यूटर पर निर्भरता इतनी अधिक बढ़ गई है कि यादि

एक दिन भी कंप्यूटर कार्य करना बन्द कर दे तो हमारे बहुत से महत्वपूर्ण कार्य या तो रुक जायेंगे या ठप्प जायेंगे उदाहरण के लिए यदि रेलवे को

ही लिया जाय तो यदि आप आरक्षण कराने के लिए लाइन में लगे हैं और अचानक रेलवे का server कार्य करना बन्द कर दे तो रेलवे के

आरक्षण सम्बन्धी सभी कार्य एकदम रुक जाते हैं l कंप्यूटर पर आज के युग की अत्यधिक निर्भरता इसी बात से साबित होती है कि 31/दिसम्बर 1999/को होने वाली Y/2/K problem से पूरी दुनिया दहल सी गई थी l

क्योंकि Y 2/K समस्या की वजह से तथा पूरी दुनिया की कंप्यूटर पर अत्यधिक निर्भरता की वजह से हमें एक बहुत ही गम्भीर

परिस्थिति का सामना करना पड़ था जो कि दुनिया भर के बुद्धि जीवियों की वजह से रहते सुलझ गई नहीं तो पता नहीं आज क्या होता l computer full form

For Hindi & English medium students

Note,Y2/K का आठ है,Year 2000/K अर्थात 31/December 1999/की रात को 12/बजे जब बदलती तब Computer की

Date 1/January,2000/न होकर 1/, January, 1900/हो जाती इस स्थिति में दुनिया भर के कभी Computer 1/शताब्दी पीछे चले जाते

तथा कई महत्वपूर्ण कार्यों जिनकी लिए हम Computer पर अत्याधि कि निर्भर हो गए हैं, वह रुक जाते अथवा खराब हो जातें क्योंकि यूएस समय

31/दिसम्बर,1999/तक कंप्यूटर की Date का Format mm,dd yy था न कि mm dd yyyy, जो कि computer software बनाते वक्त

एक बहुत ही बड़ी तथा गम्भीर मानवीय भूल थी जिसका वक्त रहते निदान कर लिया गया अन्यथा इसके परिणाम शायद बहूत ही भयंकर होते l

what is Computer?

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जो Raw Date को lnput की तरह लेकर यूज process कराने के बाद उचित एवं Useful Information को Output की तरह देता है l संक्षेप में कंप्यूटर निम्न प्रकार से कार्य करता है,computer full form

RAW DATA AS INPUT, PROCESS, INFORMATION AS OUTPUT

चित्र 1,1/History of Computer Development of computer

कंप्यूटर के सन्दर्भ में कहा जाता है कि कंप्यूटर का आविष्कार चीन में 3000/साल पहले हो गया था l इससे पहले कंप्यूटर का नाम अबेकस को कंप्यूटर का आधार माना जा सकता है l यह आज भी चीन जापान सहित एशिया के बहुत सीरे देशों में अंको की गणना के लिए काम करता है ,

Abacus का तथा अन्य प्राराभिमक यंत्रों का साक्षिप्त परिचय नीचे दिया जा रहा है l

Abacus अबेकस तारों का एक फ्रेम होता है, जिसमें गोलियों जिनमें छेद होते हैं, पिरोई रहती है l आरंभ में अबेकस को व्यापारी गणनाएं कराने के काम में प्रयोग किया करते थे l यह मशीन अंकों के जोड़ घटाना गुना वा भाग करने के काम में computer full form

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आती थीं l यह फ्रेम दो अलग अलग भागों में विभाजित होता है, जिसमें एक तरफ प्रत्येक तार में दो दो गेलियों होती है, जिनका मान 5/होता है, तथा दुसरे भाग में प्रत्येक तार में 5/5/गेलियो होती है , जिनका मान एक होता है l

Napier s Bones: कहते हैं कि अवश्यकता अविष्कार की जननी होती है l अंत अवश्यकता के कारण ही कालन्तर में आज के कंप्यूटर का आविष्कार हुआ अत: अबेकस के बाद गणना पद्धति में सबसे अधिक योगदान जॉन नेपियर का रहा l

श्कातिश गणिताझ जॉन नेपियर ने कुछ आयताकार पत्तियों का निर्माण CCC computer course किया जिनकी सहायता से गुना करने की किया शीघ्र पूर्वक की जा सकती थीं l ये पत्तियां हाथी दांत से बनी थीं, इसलिए इन्हें नेपियर बोनस कह गया l

ये कुल दस आयताकार पत्तियां होती है, जिन पर क्रमश: 0/से 9/तक के पहाड़े इस प्रकार लिखे होते हैं कि का विकास भी बाद में नेपियर ने ही किया l

slide Rule: जॉन नेपियर ने गणनाओं की लगुगणक Logarithm विधि का अविष्कार किया जा l इस विधि में दो संख्याओं

का गुणन फल भागफल वर्गमूल आदि किसी चुनी हुई संख्या के घा, ता को किया जोड़कर या घटाकर निकाला जाता है l

आज हैं l आज भी बड़ी बड़ी गणनाओं में यहां तक कि कंप्यूटर में भी इस विधि का प्रयोग किया जाता है l

सन/1620/में, जर्मनी के गणितझ विलियम ऑन रेट ने स्लाइड रूल नामक ऐसी वस्तु का अविष्कार प्रयोग किया है ,

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जो लघुगणक विधि के आधार पर सरलता से गणनाएं कर सकती थीं l इसमें दो विशेष रूप से चीहित पत्तियां होती है l

जिन्हे बराबर में रखकर आगे आगे सरकाया जा सकता है l इन पर चिन्ह इस प्रकार पड़े होते हैं कि किसी संख्या की शून्य zero

वाले चिन्ह से वास्तातिक दूरी उस संख्या के किसी साझा आधार पर लघु गणक के समानुपति होती हैं ,computer full form

pascals Calculator: इसके उपरान्त एक यांत्रिक कैलकुलेटर प्रचलन में आय जिसका अविष्कार के महान गणिताझ और

दशानिक ब्लेज पास्कल ने तब किया था l जब वे केवल 18/, वर्ष के थे l उन्होंने यह यन्त्र अपने टैक्स सुपारी नेटेडेंट पिता की

सहायता के लिए बनाया था l इसे पास्कल का कैलकुलेटर या पास्कल की एडिंग मशीन भी कहा जाता है l मशीन का प्रयोग संख्याओं को जोड़ने और घटाने में किया जाता था l

इस यन्त्र में कई दांतेदार चक्र और डायल होते थे l प्रत्येक चक्र के 10/भाग होते थे l और थे और वह आपस मे इस प्रकार

जुड़े होते थे l कि जैसे ही कोई चक्र इक बार पूरा घूम जाता था, तो उससे बाई ओर का चक्र केवल एक भाग अर्थात 1/10/

चक्र घूमता था, जिससे हासिल (Carry) का प्रभाव उत्पन्न होता था l दो संख्याओं का योग अथवा अन्तर एक संख्या को

डायल करके तथा दूसरी संख्या के बराबर चक्रों को क्रमश घूमाकर यघ्तता किया जाता है ,

Meechanicad Calculator of Leibnitz: पास्कल का अनुसरण करते हुए जर्मनी सके CCC computer course

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प्रो लिबानिज (prof Leibnitz ने सन् 1677/में अपना यन्त्र बनाया जिसमें कैलकुलेटर के कुछ अंग बाई ओर सरकाया shift जा सकता था l computer full form

लिबनीज ने पास्कल के कैलकुलेटर में कई सुधार करके एक ऐसी जटिल मशीन का निर्माण किया तथा घटाने के साथ ही गुण

करने तथा भाग देने में भी समर्थ थी l इस यन्त्र से गणनाएं करने की गति बहुत तेज हो गई इस मशीन का व्यापक पैमाने पर

उत्पादन किया गया अभी भी अनेक स्थानों पर इससे मिलती जुलती मशीनों का उपयोग किया जाता है ,computer full form

Differences Engine of Babbage, कैंब्रिज विश्वविद्यालय के गणित के प्रेफेसर चालर्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटरों का

जनक भी कहा जाता है l सन 1823/में चाल्र्स बैबेज ने सर्वप्रथम आधुनिक कंप्यूटर के आधार पर काम करने वाले यन्त्र का

विकास किया इसका नाम डिफरेंस इजिन रखा गया यह विभिन्न बिजगणितीय फलनी का मान दशमलव के 20/स्थानों तक

शुद्ध ता पूर्वक झ्यात कर सकता था l यह यन्त्र वास्तव में बहुत उपयोगी था, क्योंकि अनेक प्रकार की गणितीय सरानियां

मिनटों में तैयार हों जाती थीं, जिनका उपयोग उन दिनों बीम डाक रेल उत्पादन आदि क्षेत्री में व्यापक रुप से किया जाता था l

आगे चलकर इस मशीन के सुधरे हुए रुप का बीमा कंपनियों ने जीवन सरानियों बनाने में किया था l

Analytical Engine of Babbage, अपने डिफरेंस इंजिन की सफ़लता से उत्साहित होकर बैबेज़ ने एनालेटिकल इंजिन

का विकास किया इसमें आगत निर्गम नियंत्रण गणन तथा मैमोरी की व्यस्था थीं l इस प्रकार यही से आधुनिक कंप्यूटर का सूत्रपात हुआ इस प्रस्तावित मशीन के निम्न पांच प्रमुख भाग थे l

इनपुट यूनिट Data या आंकड़ों के ग्रहण करने के लिए स्टोर Data और lnstructions को स्टोर करने के लिए मिल

मिल अंकगणित या क्रियाओं के लिए कन्ट्रोल store तथा मिल में lnstructions के आवागमन के लिए आउटपुट यूनिट

परिणाम के लिए इस मशीन में ने केवल सभी क्रियाओं को कराने की क्षमता थी, बल्कि आंकड़ों को store करने का विचार भी https://www.facebook.com/profile.php?id=100084910624722&mibextid=ZbWKwL

इसी में पहली बार प्रस्तुत किया गया था l इतना ही नहीं इसमें ऐसी क्षमता की कल्पना भी कि यह मशीन विये हुए निर्देशों के computer full form

समूह का क्रमानुसार पालन करने में समर्थ होगी दूसरे शब्दों में प्रोग्राम program का विचार भी पहली बार चार्ल्स बैबेज ने प्रस्तुत किया था l

punchcard Devices: सन 1880/में कंप्यूटर के विकास के क्षैत्र में एक और इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र प्रचलन में आया जिसने

पंच कार्ड की सहायता से गणनाओं को करना सरल बनाया शुरू में जितने भी गणना यन्त्र बनाया गया, उनमें संख्याओं को

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डायल करने के लिए दांतेदार पहियों को हाथ से घुमाया जाता था l लेकिन चार्ल्स बैबेज ने पहली बार यह सोचा था कि संख्या

पढ़ने का कार्य छेद किए हुए कड़ों द्वारा भी किया जा सकता है l यह विचार उन्हें जयकार्ड की बुनाई मशीन को देखकर प्राप्त

हुआ था l वास्तव में उन्होंने अपने एनालिटिकल इंजिन की जी डिजाइन तैयार की थीं उसमें इनपुट देने का कार्य छिद्र किए हुए

कड़ों द्वारा ही किया जाता था और ज्जैकर्ड ने एक ऐसी ही बुनाई मशीन का निर्माण किया था, जिसमें बुनाई की डिजाइन डालने

में छिद्र किए हुए कड़ों का उपगोग किया था, अर्थात दूसरे शब्दो में यदि कहा जाय तो बुनाई की डिजाइन, का इनपुट उनके कार्डो

पर ही था l जयकर्ड की एक खोज का असली महत्त्व काफी समय बाद ही चार्ल्स बैबेज ने पहचाना l परन्तु चार्ल्स बैबेज के इस

कार्य को कार्यान्वित करने का पूरा श्रेय अमेरिका के डॉ./हर्मन हेलेरिथ को जाता है l वे अमेरिका के जनगणना विभाग में थे l

अमेरिका में सन 1880/की जनगणना का सारा कार्य हाथा से किया गया था l जिसमें कई वर्ष लग गया थे l computer full form

इसलिए जन गणना ब्यूरो ने सन् 1890/की जन गणना के पूर्व एक प्रतियोगिता आयोजित की जिसमें जन गणना कार्य

जल्दी समाप्त करने के लिए सुझाव और प्रस्तवा मांगे गए थे l इस प्रतियोगिता के विजेता डॉ./होलरिथ थे,

जिन्होंने डाटा को छिद्र किए हुए कार्डो पर रखने का विचार दिया उन्होंने एक ऐसी विद्युतीय मशीन भी बनाई, जो इन

कार्डो को छांट तथा गिन भी सकती थी l ऐसी मशीनों की सहायता से जन गणना का सारा कार्य केवल दो वर्ष में पूरा हो गया जबकि इसमें सामान्यतया 10/वर्ष लग जाते थे l

डॉ./होलरीथ की इस सफलता से पूरी दुनिया में उनकी मशीनों को लोकप्रियता मिली आगे चलकर डॉ. होलरिथ ने अपनी

टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी बनाई जिसने पंचिग मशीनों का व्यापक पैमाने पर उत्पादन किया यही कम्पनी बाद में

lnternational Business Machine Corporation अर्थात IBM के नाम से प्रसिद्ध हुईं जो आज भी दुनिया में कंप्यूटर बनाने वाली सबसे बड़ी कम्पनी है l

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IBM ने अपनी विशेष पंचिंग मशीन punching machine का उत्पादन किया जो एक निर्धारित आकार के कार्डो पर

निर्धारित स्थानों पर छिद्र कराके सूचनाएं अकित करती थी l कुछ ही वर्ष पहले तक डाटा के इनपुट के लिए छिद्रित कार्डो का

Early Computer, सन 1930/के दशक तक की सभी कैलकुलेटिग मशीनें मूल रूप रुप से यांत्रिक हुआ करती थीं l

लगभग इसी समय के आस पास IBM ने हावर्ड विश्व विद्यालय के डॉ./हावर्ड एकिस तथा ग्रेस हपरा के सहयोग से सन 1943/

में MARK I नामक कंप्यूटर बनाया यह एक बहुत ही विशाल यन्त्र था l तथा इसकी लम्बाई लगभग 15,/mi, थी l

इसमें use की गई तारों की लम्बाई ही लगभग 800/किमी थी l उसमें हजारों की संख्या में Electromagnetic Relay तथा

दूसरे पूर्ज लगे हुए थे l यह पहला सामान्य कंप्यूटर था l जो प्रोग्रामों को Store करके उनका पालन कर सकता था l

यह 20/अंकों वाली दो संखाओं का 5/सेकण्ड में गुणा कर सकता था l computer full form

इस कंप्यूटर में सबसे बड़ी कमी यह थी कि यह शोर बहुत करता था और भारी मात्रा में गर्मी उत्पन्न करता था l

उसमें कोइ खराबी आ जाने पर उसे ढूंढना बहुत मुश्किल और उबाऊ होता था l फिर भी सन 1950/में इसके सुधारे हुए

रुप को यूरोप के बाजारों में बेचा गया था l यह रिले स्वचों पर आधारित पहला और तब तक का एक मात्र कंप्यूटर था l

उसके बाद के सभी कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक थे l मार्क प्रथम के आस पास ही कुछ और कंप्यूटर अस्तित्व में आए थे l

जिन्हें प्रारम्भिक कंप्यूटर माना जाता है l वे है,ENIAC,EDVAC,LEO,UNIVAC I, आदि l CCC computer course fees

Generation of Computer

वाणिज्यिक कन्यूटिंग के इतिहास को कंप्यूटर में प्रयुक्त नई तकनीक के आधार पर पांच पीढियों में समझा जा सकता है l

प्रत्येक कंप्यूटर के मूलभूत सिद्धांत वा उसके किसी भाग के नवीन रुप के विकसित होने पर एक नई पीढ़ी की शुरूआत होती है,

कंप्यूटर की हर पीढ़ी में निम्न सुधार होते चले गए

कार्य क्षमता में वृद्धि

आकार में छोटा होना

सस्ता होना

सुगमता

संग्रह क्षमता में वृद्धि, नए अनु प्रयोगों में वृद्धि

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी/1946/1958/First Generation of computer/1946/1958/प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का computer full form

आधार बहुत बड़ा होता था l इस युग के कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब इलैकट्रिंक वाल्व पर आधारित होते थे इसलिए यह बहुट जल्दी एवं अधिक गर्म हो जातें थे l

कंप्यूटर की ध्दितीय पीढ़ी 1958/1964/second Generation of computer 1958/1964/इस पीढ़ी के कंप्यूटर में

वैक्यूम ट्यूब की जगह हल्के एवं छोटे transistors का प्रयोग किया गया इस पीढ़ी में punch Card की जगह Tape तथा

Magh Disk का प्रयोग शुरू हुआ जिसकी वजह से Computer की speed काफी fast हो गई इस दौरान व्यसाया तथा

उद्योग जगह में Computer का प्रयोग प्रारम्भ हुआ तथा नई program ming Language का विकास किया गया l

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कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी 1964/1970/Third Generation of computer 1964/1970/इस काल में Electronice

के निरंतर तकनीकी विकास से कंप्यूटर के आकार में कमी तथा तीव्र गति से कार्य करने की क्षमता का विकास हुआ इस काल में

IBM ने क्रांतिकारी सफलता अर्जित की IBM के सहयोग से IC Integrated Circuit की एक नई श्रृंखला प्रस्तुत की गई और

इसका प्रयोग Office में शुरू हो गया l इस काल में RAM Random Access Memory के प्रयोग होने से Magnetic

type तथा Disk की Storage Capacity में वृद्धि हुई लोगों प्रयुक्त Computer में time sharing का विकास हुआ

जिसके द्धारा एक से अधिक User एक साथ कंप्यूटर के संसाधन का उपयोग कर सकते थे l इस युग में computer full form

Hardware तथा Software भी अलग अलग मिलने लगे ताकि अपनी आवश्यकतानुसार,User software आदि ले सके l

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कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी 1970/1985/तक Fourth Generation of computer 1970/1985/चौथी पीढ़ी के

computer में तृतीय पीढ़ी में Use जाने वाली SSI Small Scale Integra tion तकनीक की जगह MSI Medium

Scale Integration तकनीक का उपयोग किया गया जिसमें सैकड़ों transistors को एक साथ Use किया गया l

इसके पश्चात MSI में कुछ सुधार किया गया तथा MSI की जगह LSI Large scale Integration तकनीक लाई गई l

इसके उपरान्त VLSI very Large scale Integration तकनीक आई, जिसमें लाखों transistors को एक ही

Chip पर लगाया जा सकता था l इसके प्रयोग से पूरे CPU Central processing Unit को एक ही chip पर

बनाया जाने लगा जिससे Computer का आकार छोटा यथा वजन हल्क हुआ इसके साथ ही इसकी प्रयोग क्षमता

तथा गति में बढ़ोत्तरी हुई इस तकनीकी से Micro processor का विकास हुआ और Micro का प्रयोग conputer

बाजार में आए इस पीढ़ी में Magnetic Disk तथा Tape के स्थान पर semi conductor memory का उपयोग

होने लगा इसी पीढ़ी में RAM एक ROM भी प्रचलन में आए जिसकी वजह से कार्य अत्यन्त तीव्र गति से होने लगे तथा

CCC basic Computer course

समय की बचत लगी इस दौरान GUI graphical user interface के विकास में computer का उपयोग और भी सरल हो गया चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर में कुछ प्रमुख Computers PC/AT,PC,XT, तथा Cray,1/हैं l computer full form

दोस्तो पोस्ट पढ़ने के बाद कॉमेंट जरुर करें पोस्ट पढ़ने में कैसा लगा धन्यवाद आपका

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